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CBSE 10th में Maths के बाद इन दो सब्जेक्ट्स में भी लागू हो सकता है दो ऑप्शन फॉर्मूला ।

Posted on : 10 December, 2024 1:17 pm

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों के लिए पढ़ाई को और आसान बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में, 10वीं कक्षा के गणित विषय में विकल्प (ऑप्शन) फॉर्मूला लागू किया गया, और अब चर्चा है कि इसे दो अन्य विषयों में भी लागू किया जा सकता है। यह कदम छात्रों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। आइए इस नए फॉर्मूला के बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है विकल्प फॉर्मूला?

विकल्प फॉर्मूला का उद्देश्य छात्रों को अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार विषय चुनने का मौका देना है। उदाहरण के लिए, गणित विषय में, छात्रों को दो स्तरों (बेसिक और स्टैंडर्ड) में से एक चुनने का विकल्प दिया गया। बेसिक मैथ्स उन छात्रों के लिए है जो गणित को केवल 10वीं तक ही पढ़ना चाहते हैं, जबकि स्टैंडर्ड मैथ्स उन छात्रों के लिए है जो इसे 11वीं और 12वीं में जारी रखना चाहते हैं।

किन दो विषयों में हो सकता है लागू?

  1. विज्ञान (Science):
    विज्ञान विषय में भी विकल्प फॉर्मूला लागू किया जा सकता है।

    • बेसिक साइंस: यह उन छात्रों के लिए होगा जो विज्ञान को 10वीं के बाद नहीं लेना चाहते। इसमें केवल बुनियादी सिद्धांत और प्रैक्टिकल शामिल होंगे।
    • उन्नत साइंस (Advanced Science): यह उन छात्रों के लिए होगा जो 11वीं और 12वीं में विज्ञान स्ट्रीम (पीसीएम या पीसीबी) चुनने की योजना बना रहे हैं। इसमें गहराई से सिद्धांत और प्रयोग किए जाएंगे।
  2. सामाजिक विज्ञान (Social Science):
    इस विषय में भी छात्रों को रुचि के आधार पर विकल्प दिए जा सकते हैं।

    • बेसिक सोशल साइंस: उन छात्रों के लिए जो सामाजिक विज्ञान को 10वीं के बाद नहीं पढ़ेंगे। इसमें बुनियादी जानकारी शामिल होगी।
    • उन्नत सामाजिक विज्ञान (Advanced Social Science): यह उन छात्रों के लिए होगा जो इतिहास, भूगोल, या राजनीति विज्ञान में आगे पढ़ाई करना चाहते हैं।

छात्रों के लिए लाभ

  1. तनाव कम होगा: विकल्प के जरिए छात्र अपनी क्षमता और रुचि के अनुसार विषय चुन सकेंगे, जिससे पढ़ाई का दबाव कम होगा।
  2. भविष्य की तैयारी: उन्नत स्तर के विषय चुनने से छात्रों को 11वीं और 12वीं की तैयारी में आसानी होगी।
  3. परिणामों में सुधार: जब छात्र अपनी पसंद के विषय पढ़ेंगे, तो उनके परिणाम बेहतर आने की संभावना बढ़ेगी।

शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका

विकल्प फॉर्मूला लागू होने के बाद शिक्षकों और अभिभावकों की जिम्मेदारी होगी कि वे छात्रों को सही विषय चुनने में मदद करें। छात्रों को उनके भविष्य की योजना और रुचियों के आधार पर सलाह दी जानी चाहिए।

सीबीएसई का उद्देश्य

सीबीएसई का यह कदम नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो छात्रों के समग्र विकास और उनकी रुचि को प्राथमिकता देने पर जोर देती है।

विकल्प फॉर्मूला छात्रों के लिए एक नई शुरुआत साबित हो सकता है। गणित में इसकी सफलता के बाद, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में इसे लागू करना एक स्वागत योग्य कदम होगा। यह छात्रों को न केवल उनके वर्तमान, बल्कि भविष्य के लिए भी बेहतर तैयार करेगा।

आपका क्या विचार है? क्या यह फॉर्मूला छात्रों के लिए सही कदम होगा? हमें कमेंट में बताएं!